बस्ती। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और पछुआ हवाओं ने जनजीवन बेहाल कर दिया है। दिन में धूप जरूर खिल रही है, लेकिन गलन से निजात नहीं मिल पा रही है। सुबह-शाम और रात में तो घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। रविवार को अधिकतम 27 और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक आ पहुंचा। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि आगामी 24 घंटे के दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी।
शनिवार को 15 से 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से सर्द पछुआ हवाओं का सिलसिला शुरू हुआ तो पारा लुढ़ककर तीन डिग्री नीचे पहुंच गया। भला हो धूप का जिसके कारण दिन के तापमान में थोड़ी वृद्धि होने के कारण लोगों को राहत मिल सकी, लेकिन जैसे ही सूर्य छिपा, गलन के कारण हर कोई सिकुड़ता नजर आता है। धूप के दौरान अगर कोई बिना गर्म कपड़ों के घर से बाहर निकला वह दिल ढलने से पूर्व घर पहुंचने की जल्दी में दिख रहा है। क्योंकि दिन ढलते ही गलन बहुत ज्यादा बढ़ जा रही है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज फैजाबाद के पूर्व मौसम विभागाध्यक्ष डॉक्टर पद्माकर त्रिपाठी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले हफ्ते पश्चिमोत्तर क्षेत्र में काफी बर्फबारी हुई। जिसके कारण अब मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ रही है। इसका सिलसिला अभी चलता रहेगा। नवंबर के अंतिम दौर में दिन में चटक धूप लोगों को गर्मी का अहसास करा रही है तो शाम ढलते ही सर्द हवाएं कंपकंपी छुड़ा रही हैं। वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर रामजी सोनी इससे एलर्जी, सांस, बीपी, कोल्ड डायरिया, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, आंखों में जलन और वायरल के मरीज बढ़ने लगे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक करीब 40 फीसदी बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में हैं। डॉक्टरों का कहना है कि तापमान के इस उतार-चढ़ाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और लोग आसानी से वायरल संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
पछुआ ने बढ़ाई गलन,तीन डिग्री गिरा पारा